1. New Income Tax Bill 2025: क्यों है खास?
New Income Tax Bill 2025: New Income Tax Bill 2025, जो 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा, भारत के 64 साल पुराने Income Tax Act 1961 की जगह लेगा। इसका मकसद टैक्स कानूनों को सरल, पारदर्शी और आम नागरिकों के लिए समझने में आसान बनाना है। फरवरी 2025 के बजट में वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने इसे “न्याय (Nyaya)” की भावना से जोड़ते हुए संसद में पेश किया। आइये जानते है पूरी जानकारी आखिर क्या खास होने वाला है इसमें।
2. पुराने vs नए कानून: सबसे बड़े अंतर
- सेक्शन कम, भाषा सरल: पुराने एक्ट में 819 सेक्शन थे, जिन्हें घटाकर 536 कर दिया गया है।
- टैक्स इयर (Tax Year): “प्रिवियस ईयर” और “असेसमेंट ईयर” की उलझन खत्म। अब सिर्फ “टैक्स इयर” (1 अप्रैल से 31 मार्च) का इस्तेमाल होगा।
- कानूनी शब्दों में सुधार: “Notwithstanding” जैसे कॉम्प्लेक्स टर्म्स की जगह “इर्रिस्पेक्टिव ऑफ” जैसे सरल शब्द इस्तेमाल होंगे।
3. सैलरी क्लास के लिए राहत: एक ही सेक्शन में सभी नियम
नए बिल में सैलरी से जुड़े सभी प्रावधानों (ग्रेच्युटी, लीव एनकैशमेंट, HRA, LTC) को अब एक ही चैप्टर (Chapter) में रखा गया है। पहले ये अलग-अलग सेक्शन्स (जैसे सेक्शन 10) में बिखरे हुए थे। अब:
- Schedule II & III: HRA और LTA जैसी allowances के नए नियम यहां देखें।
- फॉर्मूला और टेबल: टैक्स कैलकुलेशन को समझने के लिए विजुअल एड्स जोड़े गए हैं।
4. टैक्स छूट वाली इनकम: नया स्ट्रक्चर
पुराने कानून की सेक्शन 10 (जो 100+ छूटों को कवर करती थी) को अब अलग-अलग Schedules (कुल 16) में बांटा गया है। उदाहरण:
- Schedule V: Agricultural Income
- Schedule VI: PPF, NSC जैसी सेविंग्स स्कीम्स
इससे टैक्सपेयर्स को अपनी छूट वाली इनकम ट्रैक करने में आसानी होगी।
5. TDS/TCS नियम: सिंगल सर्टिफिकेट से काम
नए बिल के मुताबिक:
- कम या निल टीडीएस: अब सभी TDS/TCS प्रोविजन्स के लिए लोअर/निल विथहोल्डिंग सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई कर सकते हैं। पहले यह सुविधा सिर्फ कुछ सेक्शन्स (जैसे 197) तक सीमित थी।
- फॉर्म और रिपोर्टिंग: नए सिस्टम के लिए ITR फॉर्म और टीडीएस सॉफ्टवेयर अपडेट होंगे।
6. रेजिडेंसी रूल्स: कोई बदलाव नहीं
नए बिल में रेजिडेंसी की परिभाषा (साधारण निवासी, Not-ordinarily resident, Non-resident) वही रखी गई है। भारत में 182 दिन या 120 दिन + 365 दिन पिछले 4 सालों में रहने वाले लोगों के लिए नियम अपरिवर्तित हैं।
7. बजट 2025 के प्रावधान शामिल
- कंसेसनल टैक्स रेजिम: नई टैक्स स्लैब (जैसे 10% टैक्स 7 लाख से 10 लाख तक) को बिल में शामिल किया गया।
- स्टार्टअप्स के लिए छूट: अगले 3 सालों में 100 करोड़ तक की इनकम पर टैक्स छूट को एक्सटेंड किया गया।
8. पुराने और अप्रासंगिक नियम हटाए गए
1961 के एक्ट में मौजूद 50+ ऐसे सेक्शन्स (जैसे सेक्शन 80GG) जो अब लागू नहीं होते या डुप्लीकेट थे, उन्हें हटा दिया गया है।
9. नए टैक्स स्लैब 2025
- नए टैक्स बिल के तहत 4 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं
- 4 लाख 1 रुपये से 8 लाख रुपये तक की आय पर 5% टैक्स लगेगा
- 8 लाख 1 रुपये से 12 लाख रुपये तक की आय पर 10% टैक्स लगेगा
- 12 लाख 1 रुपये से 16 लाख रुपये तक की आय पर 15% टैक्स लगेगा
- 16 लाख 1 रुपये से 20 लाख रुपये तक की आय पर 20% टैक्स लगेगा
FAQs: नए टैक्स बिल से जुड़े सवाल-जवाब
Q1. नया टैक्स बिल कब लागू होगा?
1 अप्रैल 2026 से, लेकिन कुछ प्रोविजन्स (जैसे TDS नियम) 2025 के बजट से ही लागू हो सकते हैं।
Q2. क्या रेजिडेंसी स्टेटस बदला है?
नहीं, भारत में रहने के दिनों की संख्या वही रहेगी।
Q3. HRA और LTA पर क्या असर होगा?
ये अब Schedule II और III में शिफ्ट कर दिए गए हैं, लेकिन छूट की सीमा वही रहेगी।
Q4. नए बिल में कितने Schedules हैं?
कुल 16 Schedules, जिनमें छूट वाली इनकम, TDS दरें और फॉर्मूले शामिल हैं।
Q5. क्या नए बिल में टैक्स बढ़ेगा?
नहीं, टैक्स स्लैब बजट 2025 के अनुसार ही रखे गए हैं।
9. आपके लिए एक्शन प्लान
- TDS सर्टिफिकेट अपडेट करें: नए प्रोविजन्स के लिए बैंक/कंपनी को नए सर्टिफिकेट दें।
- एक्सेम्प्ट इनकम ट्रैक करें: Schedule V-VIII में लिस्टेड इनकम्स को अलग से नोट करें।
- टैक्स प्लानिंग: कंसेसनल रेजिम के तहत 7 लाख तक की इनकम पर 10% टैक्स का फायदा उठाएं।
10. कहां पढ़ें पूरा ड्राफ्ट?
नए बिल का पूरा टेक्स्ट Income Tax Department की वेबसाइट (www.incometax.gov.in) या EY India की रिपोर्ट में उपलब्ध है।
और जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट के होमपेज पर जाये ।